“अपनापन की दास्तान”

      अकेलापन में भी कुछ खास बात है, तन्हाईयों में भी एक अलग राज है।…!!

   अकेलेपन की रातों में सोने से पहले, ख्वाबों की दुनिया में खो जाता हूँ।

तन्हाई में भी अपनापन है, खुद से बातें करने का एहसास है।

अकेलापन की धुंध में खोया, खुद को ढूंढते-ढूंढते खोया।

अकेलापन की साँसों में बसा, खुद से ही सब कुछ कहा।

तन्हाई के रास्तों पर, अकेलापन की छाया में चला।

तन्हाई के समंदर में डूबा, अपने ख्वाबों को खोजता हूँ।

अकेलापन में भी है साथ, अपने अंतर की बात।

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