हर घड़ी हम ही क्यों देखें आपको ।
वो भी तो किसी घड़ी देखें आपको ।।
चश्मा पहनकर देख तो लूं आपको मगर।
फिर देखने का मज़ा नही आयेगा ।।
बुरा लगता था तो देखना बंद कर दिया आपको ।
अब नहीं देखता हूं तो बुरा लगता है आपको ।।
यूं छिप छिप कर देखना अच्छा नहीं लगता ।
मगर उन्हें देखें बिना भी तो दिल नहीं मानता ।।