“यादों की बारिश: फिर से बातें”

आओ हम सब कुछ बात करें….!
अपने सपनो को लेकर कुछ दूर साथ चलें …
फ़िर तुम खो जाओगे फ़िर हम खो जायेंगे
बस यादों की गठरी ले कर अपनी यादों को याद करें …
आओ फ़िर कुछ बात करें …
फ़िर से कोई गीत छिड़े, कोई राग चले
लबों पर मुस्कुराहट और चाय की चुस्की में
यादों की बरसात चले
कुछ गुदगुदाते लम्हे और कुछ आहें
और वो पुराना चाँद ..
याद है तुमको उन ठंडी हवाओं में
फिजूल की बाते और खिलखिलाना
आओ कुछ पल फ़िर से बनाए
और जियें उनको
आओ हमसब फ़िर से कुछ बात करें

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