सांसे मेरी, जिंदगी भी मेरी, और मोहब्बत भी मेरी,
मगर हर चीज मुकम्मल करने के लिए जरूरत है तेरी।
खुशी दे, या गम दे दे मगर देते रहा कर,
तू उम्मीद है मेरी तेरी हर चीज अच्छी लगती है।
मुझे किसी से मोहब्बत नही सिवा तेरे,
मुझे किसी की जरूरत नही सिवा तेरे,
मेरी नजर को थी तलाश जिसकी बरसो से,
किसी के पास वो सूरत नही सिवा तेरे।
जन्नत-ए-इश्क में हर बात अजीब होती है,
किसी को आशिकी तो किसी को शायरी नसीब होती है।
होंगे जब जुदा तो मोहब्बत का बंटवारा कर लेंगे,
सारी खुशियां तुम ले जाना, हम तुम्हारी यादों से गुजारा कर लेंगे।