Best 50 Plus Sad Shayari In Hindi | सैड शायरी इन हिंदी

अच्छा तो कुछ भी नहीं,
पर जो भी हैं सही हैं..

Accha to kuch bhi nahi,
Par jo bhi hain sahi hain..

उसको भी हम से मोहब्बत हो
ज़रूरी तो नहीं…
इश्क ही इश्क की कीमत हो
ज़रूरी तो नहीं..!

जिनको सोच कर अकेले,
में मुस्कुराया करते थे..
अब उन्हीं को सोच कर
अकेले में रोया करते हैं…
🙂💔🥀

प्यार तो आज भी तुमसे
उतना ही है,
बस तुम्हे एहसास नही ओर हमने
जताना छोड़ दिया….
🙂💔🥀

दर्द देकर इश्क ने हमें रुला दिया,
जिसपे मरते थे उसने ही हमें भुला दिया,
हम तो उनकी यादों में ही जी लेते मगर,
उन्होंने तो यादों में ही जहर मिला दिया।

जैसे टूटी हुई नींद💔
😔सर दर्द बना देती है।
वैसे ही टूटा हुआ भरोसा
जिंदगी का दर्द बना देता है…🥀🥀

प्यार तो आज भी तुमसे
उतना ही है,
बस तुम्हे एहसास नही ओर हमने
जताना छोड़ दिया….

वक्त ने हमको चुप रहना सिखा दिया
और हालातों ने सब कुछ सहना
सिखा दिया
अब किसी की आस नहीं ज़िन्दगी में
इन तन्हाइयों ने हमे अकेले रहना
सिखा दिया…
🙂🥀🍂

मोहब्बत की आजतक बस दो ही
बातें अधूरी रही,
मै एक मै तुझे बता नही पाया, और
दूसरी तुम समझ नही पाये..

गवाही ना मांग मुझसे की मैं मोहब्बत में
तुझे कितना चाहती हूं
अरे वो खुदा भी मुझसे परेशान है की हर
दुआ में तुझे ही क्यों मांगती हूं

उदास हूँ, पर आपसे नाराज नहीं;
आपके दिल में हूँ, पर आपके पास नहीं;
झूठ कहूँ तो सब कुछ मेरे पास हैं,
और सच कहूँ, तो आपकी यादो के
सिवा कुछ भी नहीं.

तेरे बदलने का
दुःख नहीं है मुझको
मैं तो अपने“
यकीन पर शर्मिंदा हूंII
😔💔🥀

खुद ही रोए और खुद ही चुप हो गए,
ये सोचकर की कोई अपना होता
तो रोने ना देता!!

हम जिसकी इज्जत करते है,
वो हमें मजबूर समझते है…!!!
हम जिससे बहुत प्यार करते है,
वो हमें बेवकूफ़ समझते है ..!!
🙂🥀💯

तेरे जाने के गम में रो कर रात गुजरती है,
आखिर क्यों तूने मुझे धोखा दिया,
तेरे बिना जिंदगी अब अधूरी सी लगती है,
किस लिए तूने मुझे अकेला छोड़ दिया.

घुट घुट कर जिते रहें कोई
फरियाद” ना करें,
कहां लाऊ वो “दिल”
जो तुम्हे याद ना करे।
🥺💔🥀

क्यूँ नहीं महसूस होती
उसे मेरी तकलीफ,
जो कहते थे,
बहुत अच्छे से जानते है तुझे “

नशा मोहब्बत का हो या शराब का
होश दोनों में खो जाता है
फर्क सिर्फ इतना है कि
शराब सुला देती है।
मोहब्बत रुला देती है
😔🥀💯

जिनके याद में हम दीवाने हो गए,
वो हमसे ही अनजाने हो गए,
उसे तलाश है नए साथी की,
क्योंकि उसकी नजर में हम पुराने हो गए।

कितना अजीब है ना!
कुछ लोग कसमें खा कर भी
भरोसा तोड़ देती हैं ।
🙂💔🥀

आँसू आ जाते है रोने से पहले,
ख्वाब टूट जाते है सोने से पहले,
लोग कहते है मोहब्बत गुनाह है,
काश कोई रोक लेते गुनाह होने से पहले।

उसे क्या पड़ी वो मुझे आकर
मनाये, वो तो कहते होंगे
जान छूटी.. भाड़ में जाये।

अजीब हैं मेरा अकेलापन
न तो खुश हूँ,
न ही उदास हूँ,
बस खाली हूँ
और खामोश हूँ..

Ajeeb hain mera akelapan,
Na toh khush hoon,
Na hi udaas hoon,
Bas khali hoon aur khamosh hoon..

कुछ रिश्ते आजकल
उस रास्ते पर जा रहे हैं,
न साथ छोड़ रहे हैं,
और न ही साथ निभा पा रहे हैं…

Kuch rishtey aajkal
Us raste par ja rahe hain,
Na sath chodh rahe hain,
Aur na hi sath nibha pa rahe hain…

तेरी एक झलक पाने के लिए,
तरश जाता हैं मेरा दिल,
खुश किस्मत हैं वो लोग
जो तुझे रोज देखते हैं..

Teri ek jhalak pane ke liye,
Tarash jata hain mera dil,
Khush kismat hain wo log,
Jo tujhe roj dekhte hain…

अब न करेंगे,
तुमसे कोई सवाल,
काफी हक़ जताने लगे थे तुमपर,
माफ करना यार..

Ab na karenge,
Tumse koi sawal,
Kafi haq jatane lage the tumpar,
Maaf karna mujhko yaar…

शिकायत नहीं ज़िंदगी से,
की तेरे साथ नहीं,
बस तू खुश रहना यार,
अपनी तो कोई बात नहीं..

Shikayat nhi zindagi se,
Ki tere sath nhi,
Bas toh khush rahna yaar,
Apni toh koi baat nhi…

प्यार हो या परिंदा,
दोनों को आज़ाद छोड़ दो,
अगर लौट आया तो तुम्हारा,
और अगर न लौटा तो वह तुम्हारा था ही नहीं कभी..

Pyaar ho ya parinda,
Dono ko azad chod do,
Agar laut aaya toh tumahara,
Aur agar na lauta toh tumhara kabhi tha hi nahi..

क उम्र बीत चली हैं,
तुझे चाहते हुए,
तू आज भी बेखबर हैं,
कल की तरह..

Ek umra beet chali hain,
Tujhe chahte hue,
Tu aaj bhi bekhabar hain,
Kal ki tarah…

जिस तरह मैंने तुझें चाहा,
कोई और चाहे तो भूल जाना मुझें…

Jis tarah maine tujhe chaha,
Koi aur chahe toh bhool jana mujhe…

हमने सोचा था,
बताएंगे दिल का दर्द तुझको,
पर तुमने तो इतना भी न पूछा,
खामोश क्यों हो तुम…

Hamne socha tha,
Batayenge dil ka dard tujhko,
Par tumne toh itna bhi na pucha,
Khamosh kyu ho tum..

जख्म ही देना था,
तो पूरा जिस्म तेरे हवाले था,
मगर कम्बख्त तूने तो,
हर वार दिल पर ही किया..

Jhakhm hi dena tha,
Toh pura jism tere hawale tha,
Magar kambakht tune toh,
Har waar dil।par hi kiya..

जिसने भी कहा हैं,
सच ही कहा हैं,
सुकून तो मरने के
बाद ही आता हैं..

Jisne bhi kaha hain,
Sach hi kaha hain,
Sukoon toh marne ke
Baad hi aata hain..

जो सबको संभालने की कोशिश करता हैं न,
उसको संभालना हर कोई भूल जाता हैं…

Jo sabko sambhalne ki koshish karta hain na,
Usko sambhalna har koi bhool jata hain…

अजीब हैं मेरा अकेलापन
न तो खुश हूँ,
न ही उदास हूँ,
बस खाली हूँ
और खामोश हूँ..

Ajeeb hain mera akelapan,
Na toh khush hoon,
Na hi udaas hoon,
Bas khali hoon aur khamosh hoon..

रहना चाहते थे साथ तुम्हारे,
पर इस जमाने ने रहने न दिया,
कभी वक़्त की खामोशी में खामोश रहे,
तो कभी उनकी खामोशी ने
कुछ कहना न दिया…

Rehna chahte the sath tumhare,
Par iss jamane ne rahne na diya,
Kabhi waqt ki khamoshi me khamosh rahe,
To kabhi unkee khamoshi ne mujhko kuch kehne na diya..

आदत बना ली मैंने खुद को
तकलीफ देने की
ताकि जब कोई अपना तकलीफ दे
तो ज्यादा तकलीफ न हो…

Aadat bana li maine khud ko,
Takleef dene ki,
Taki jab koi apna takleef de
Toh jyada takleef na ho…

ज़िंदगी में हर मौके का फायदा उठाओ,
मगर किसी के भरोसे का नहीं…

Zindagi me har mauke ka fayda uthao,
Magar kisi ke bharose ka nhi…

ऐसे तो हर कोई
प्यार प्यार कहता रहता हैं,
मगर एक सच्चे प्यार की कीमत वही जानता हैं,
जिसने प्यार तो किया हैं,
मगर उसे उसका प्यार मिला ही नहीं..

Aise toh har koi,
Pyaar pyaar kahta rahta hain,
Magar ek sacche pyaar ki kimat wahi janta hain,
Jisne pyaar toh kiya hain,
Magar use uska pyaar mila hi nhi..

न अपने साथ हूँ,
ना तेरे पास हूँ,
बस कुछ दिनों से,
बस युही उदास हूँ।

Na apne saath hoon,
Na tere paas hoon,
Bas kuch dino se,
Bas yuhi udaas hoon…

लोग कहते हैं दुख बुरा होता हैं,
जब कभी भी आता हैं रुलाकर चला जाता हैं,
हम कहते हैं दुख अच्छा होता हैं,
जब कभी भी आता हैं,
अपनो का पता चल जाता हैं..

Log kahte hain dukh bura hota hain,
Jab kabhi bhi aata hain rulakar chala jata hain,
Hum kahte hain dukh accha hota hain,
Jab kabhi bhi aata hain,
Apno ka pata chal jata hain…

एक वो हैं जो अपनी मर्ज़ी से
बात करते हैं और
एक हम हैं जो उनकी
मर्ज़ी का इंतज़ार करते हैं..

Ek wo hain jo apni marzi se,
Baat karte hain aur
Ek hum hain jo unki
Marzi ka intezaar karte hain…

कभी कभी अपनो से ऐसा,
दर्द मिलता हैं,
आँशु तो पास होते हैं,
मगर रोया नहीं जाता..

Kabhi kabhi apno se aisa dard milta hain,
Aashu toh paas hote hain,
Magar roya nhi jata..

हम दोनों धोखा खा गए हैं,
मैंने तुम्हें औरों से अलग समझा,
और तुमने मुझें औरों जैसा समझा…

Hum dono dhoka kha gaye hain,
Maine tumhe auro se alag samjha,
Aur tumne mujhe auro jaisa samjha..

छोड़ दिया हमने लोगों का पीछा करना,
जिससे जितनी मोहब्बत की,
उसने उतना ही गिरा हुआ समझा..

Chodh diya hamne logon ka picha karna,
Jisse jitni mohabbat ki,
Usne utna hi gira hua samjha..

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