उतना ही बोलो जुबान से
जितना फिर सुन सको कान से।
सब पहचान लिया दिल मेरा
अब साथ राखी बस चिल मेने।
दिल लगा के जो में बरबद हुआ
नफ़रत की तो में आबाद हुआ।
मैं भी उन्हीं की नज़रों में अता हू
जो मुझे देखना नहीं चाहते.!
मुस्कुराहट से जो काम न होगा
ऐसा दर्द लिए बैठा हू।
इस राजा हमेशा राजा होता है
रानी के साथ या रानी के बिना।
मैंने तो बस दिल लगाया था
और वो मुझे चुना लगा गई।
समय खराब है इसीलिए मून हू
बाद में बताउंगा मैं कोन हू।
मैं अलग हूं…
तो आपकी राय भाड़ में जाओ।
जिस बस्ती मैं हम बस्ते है
वहा रोटी महेंगी दर्द सस्ती है..!